जिस कुएँ का पानी अमृत से मीठा होता था, उसको ढककर मिनिरल वाटर प्लान्ट लगाया जा रहा है। जिस कुएँ का पानी अमृत से मीठा होता था, उसको ढककर मिनिरल वाटर प्लान्ट लगाया जा...
छद्म है वर्तमान का, जो लिख रहा अतीत है... छद्म है वर्तमान का, जो लिख रहा अतीत है...
सब कुछ तो यहाँ साखी माया है टूटते है शीशे पत्थर की चोट से सब कुछ तो यहाँ साखी माया है टूटते है शीशे पत्थर की चोट से
जब तक इस दुनिया में आप लोगों का मतलब निकालते रहेंगे तब तक ही आप उन लोगों के लिये आंखों जब तक इस दुनिया में आप लोगों का मतलब निकालते रहेंगे तब तक ही आप उन लोगों के ल...
स्वयं हीं खण्डित हो रही है सवा सौ कोटि का हिन्दोस्तान। स्वयं हीं खण्डित हो रही है सवा सौ कोटि का हिन्दोस्तान।
नहीं है चाहत हमे धन दौलत की, ना हमे तिजोरी भरना है क्या होगा धन जुटा के जब खाली हाथ ही हमे मरना है नहीं है चाहत हमे धन दौलत की, ना हमे तिजोरी भरना है क्या होगा धन जुटा के जब खाली ...